देश-दुनिया के इतिहास में 02 दिसंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख को मेडिकल इतिहास का बड़ा दिन कहा जाता है। इसी तारीख को दुनिया में पहली बार किसी मरीज को आर्टिफिशियल हार्ट लगाया गया था।
2 दिसंबर, 1982 को अमेरिका के डेंटिस्ट डॉ. बर्नी क्लार्क को आर्टिफिशियल हार्ट लगाया गया था। डॉ. क्लार्क दिल की गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी बीमारी को लेकर डॉक्टर हार मान चुके थे। मगर यूटा यूनिवर्सिटी में डॉ. विलियम सी. डेव्रिस की टीम ने डॉ. क्लार्क का हार्ट ट्रांसप्लांट किया। यह ऑपरेशन साढ़े सात घंटे तक चला।
ऑपरेशन कामयाब रह। ऑपरेशन के बाद डॉ. क्लार्क ने हाथ हिलाकर बताया कि वो ठीक हैं। ऑपरेशन के बाद डॉ. क्लार्क का दिल हर मिनट में 116 बार धड़क रहा था, जबकि आमतौर पर दिल एक बार 65 से 80 बार धड़कता है।
डॉ. क्लार्क को जो आर्टिफिशियल हार्ट लगाया गया था, उसका नाम जार्विक-7 था, जिसे डॉ. रॉबर्ट जार्विक ने बनाया था। उनका कहना था कि ये आर्टिफिशियल हार्ट ह्यूमन हार्ट से बड़ा था, लेकिन इसका वजन ह्यूमन हार्ट के बराबर ही था। ऑपरेशन कामयाब होने के कुछ दिन बाद डॉ. क्लार्क को ब्लीडिंग की प्रॉब्लम शुरू हो गई। आर्टिफिशियल हार्ट लगने के बाद डॉ. क्लार्क 112 दिन ही जी पाए।