इतिहास के पन्नों में 02 नवंबरः जलवायु परिवर्तन पर प्रधानमंत्री मोदी का मंत्र याद करें

देश-दुनिया में 02 नवंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख ग्लास्गो में दो साल पहले जलवायु परिवर्तन पर हुए सम्मेलन में भारत के दुनिया को दिए गए नए मंत्र के लिए इतिहास में दर्ज है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिन का रोम दौरा पूरा कर 2021 में दो नवंबर को सीओपी 26 समिट में शामिल होने स्काटलैंड के सबसे बड़े शहर ग्लास्गो पहुंचे थे।

उन्होंने कहा था कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए लाइफस्टाइल (जीवनशैली) में बदलाव जरूरी है। उन्होंने लाइफ (एलआईएफई) को परिभाषित करते हुए कहा था कि लाइफ का मतलब लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट है।

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प्रधानमंत्री मोदी ने ग्लास्गो में दुनिया के सामने जलवायु परिवर्तन को लेकर भारत का एजेंडा सामने रखा था। इस सम्मेलन के एक्शन ऐंड सॉलिडेरिटी: द क्रिटिकल डिकेड सेगमेंट में प्रधानमंत्री मोदी ने ऋग्वेद की दो पक्तियों से अपना भाषण शुरू किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-‘हमारी संस्कृति में हजारों साल पहले यह मंत्र दिया गया था- संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्… यानी सभी मिलकर साथ चलें। सब मिलकर संवाद करें और सभी के मन भी मिले रहें। मैं पहली बार जब पेरिस क्लाइमेट समिट में आया था तो मानवता के लिए कुछ बात करने आया था। मेरे लिए पेरिस समिट नहीं सेंटीमेंट और कमिटमेंट था। हमारे यहां सर्वे भवन्तु सुखिनः कहा जाता है। यानी सभी सुखी रहें।’

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