स्वतंत्र भारत के पहले मुख्य न्यायाधीश सर हरिलाल जेकिसुनदास कनिया का जन्म 3 नवंबर 1890 को सूरत के एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। एचजे कनिया का कार्यकाल 26 जनवरी, 1950 से 6 नवंबर 1951 तक रहा।
वह कुल 649 दिनों तक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रहे थे। उन्होंने बंबई के शासकीय विधि महाविद्यालय से कानून की पढ़ाई करते हुए स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। 1930 में बंबई उच्च न्यायालय में कार्यकारी न्यायाधीश बने और 1931 में अपर न्यायाधीश नियुक्त हुए।
26 जनवरी को स्वतंत्र भारत जब गणराज्य बना तो एचजे कनिया सर्वोच्च न्यायालय के पहले मुख्य न्यायाधीश बने। उन्होंने अपनी शपथ भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के सामने पढ़ी। पद पर रहते 6 नवंबर 1951 को 61 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।