देश-दुनिया के इतिहास में 04 जुलाई की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय रेलवे के दार्जिलिंग हिमालयन सेक्शन के लिए खास है।
पश्चिम बंगाल में सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच पहली टॉय ट्रेन 04 जुलाई, 1881 को चलाई गई थी। यह छोटी लाइन का ट्रैक है। गेज की चौड़ाई दो फुट है। इस ट्रैक का निर्माण 1879 और 1881 के बीच हुआ था। इसकी कुल लंबाई 78 किलोमीटर है। ऊंचाई स्तर न्यू जलपाईगुड़ी में लगभग 100 मीटर से लेकर दार्जिलिंग में 2,258 मीटर तक है।
घूम स्टेशन 2258 मीटर की ऊंचाई पर है। यह देश का सबसे ऊंचा स्टेशन है। यह ट्रेन आधुनिक डीजल इंजनों से चलती है। इस टॉय ट्रेन को यूनेस्को ने नीलगिरि पर्वतीय रेल और कालका शिमला रेलवे के साथ भारत की पर्वतीय रेल के रूप में विश्व धरोहरों में शामिल किया है।