देश-दुनिया के इतिहास में 05 अक्टूबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख मोबाइल फोन क्रांति के सूत्रधार और एप्पल कंपनी के स्टीव जॉब्स की याद दिलाती है। कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में जन्मे स्टीव जॉब्स ने 05 अक्टूबर, 2011 को इस फानी दुनिया को अलविदा किया था।
आज मोबाइल फोन से लेकर लैपटॉप और कंप्यूटर की दुनिया में अगर किसी कंपनी की सबसे ज्यादा धूम है तो वह एप्पल ही है। वैल्यूएशन के मामले में एप्पल दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। हर कोई एप्पल के प्रोडक्ट्स खरीदना चाहता है। स्टीव जॉब्स के गैरेज से शुरू हुई यह कंपनी इतनी बड़ी कैसे बनी यह समझने कि लिए स्टीव जॉब्स के बारे में जानना होगा।
स्टीव जॉब्स का जन्म 24 फरवरी 1955 को हुआ था। उनके पिता सीरियाई मुस्लिम थे, लेकिन उन्हें अमेरिकी दंपति पाल और क्लारा जॉब्स ने गोद लिया था। स्टीव जॉब्स को शुरू से ही इंजीनियरिंग और कंप्यूटर से काफी लगाव था। उन्होंने पोर्टलैंड के रीड कॉलेज में एडमिशन लिया, लेकिन पहले सेमेस्टर में ही कॉलेज छोड़ दिया। इसके बाद वह वीडियो गेम की कंपनी में काम करने लगे।
बहुत कम लोग जानते हैं कि स्टीव जॉब्स एप्पल कंपनी शुरू करने से पहले भारत आए थे। यहां पर उन्होंने बुद्धिज्म का अनुभव किया। इसके बाद वापस अमेरिका जाकर 1974 में उन्होंने अपने स्कूल के दोस्त स्टीफन वोज्नियाक के साथ मिलकर कंप्यूटर बनाना शुरू किया। शुरुआत में उन्होंने अपने घर के गैरेज से ही काम किया। इसके बाद 1976 में उन्होंने एप्पल कंपनी की नींव रखी। एप्पल 2 मॉडल का कंप्यूटर इतना सफल रहा कि कम समय में उसकी रिकॉर्ड सेल हुई और जल्द ही कंपनी फॉर्चून 500 के लिस्ट में शामिल हो गई।
इसके बाद कंपनी लगातार बड़ी होती गई। लेकिन कुछ परेशानियों के चलते 1985 में स्टीव जॉब्स को एप्पल कंपनी छोड़नी पड़ी। इसके बाद 12 साल उनके बहुत अच्छे नहीं रहे। लेकिन 1997 में उन्होंने एप्पल में वापसी की। स्टीव जॉब्स का सबसे सफल प्रोडक्ट रहा, आईफोन। 2007 में आईफोन की लॉन्चिंग के साथ ही इसने मोबाइल की दुनिया को बदल दिया और आज भी स्मार्टफोन की कैटेगरी में आईफोन को सबसे प्रीमियम माना जाता है। आईफोन की सफलता ने आज एप्पल को दुनिया की सबसे बड़ी वैल्यूएशन वाली कंपनी बनाया है। इसके साथ ही एप्पल के कंप्यूटर्स, मैकबुक समेत कई अन्य प्रोडक्ट भी बेहद पॉपुलर हैं।