देश-दुनिया के इतिहास में 06 जून की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन में खास महत्व महत्व रखती है। ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार, मराठा योद्धा शिवाजी महाराज का रायगढ़ किले में 06 जून, 1674 को राज्याभिषेक हुआ था।
शिवाजी महाराज ने यहीं हिंदवी स्वराज की आधारशिला रखी थी। छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण मोड़ है। यह साम्राज्य गुप्त, मौर्य, चोल, अहोम और विजयनगर साम्राज्य की ही तरह शक्तिशाली, सुसंगठित और सुशासित था। छत्रपति शिवाजी महाराज मात्र एक व्यक्ति या राजा नहीं, वे एक विचार और एक युगप्रवर्तन के शिल्पकार थे।
शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व को देखें तो राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण उनकी शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं। उनके कार्य, शासन प्रणाली और नीतियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं और उन्होंने भारत के सामर्थ्य को पहचान कर जिस तरह से नौसेना का विस्तार किया, वह आज भी हमें प्रेरणा देता है।
उन्होंने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा और आज ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की दृष्टि में शिवाजी महाराज के विचारों का प्रतिबिंब देखा जा सकता है। सैंकड़ों वर्षों की गुलामी ने देशवासियों से उनका आत्मविश्वास छीन लिया था, ऐसे समय में लोगों में आत्मविश्वास जगाना एक कठिन कार्य था। उस दौर में छत्रपति शिवाजी महाराज ने ना केवल आक्रमणकारियों का मुकाबला किया बल्कि जन मानस में यह विश्वास भी कायम किया कि स्वयं का राज संभव है।