देश-दुनिया के इतिहास में 07 फरवरी की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय नौसेना के लिए बेहद अहम है। इसी तारीख को 1992 में स्वदेश में निर्मित पहली पनडुब्बी ‘आईएनएस शाल्की’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। भारत हमेशा से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश करता आया है। इसी क्रम में देश में पहली सबमरीन या पनडुब्बी आईएनएस शाल्की का निर्माण किया गया था।
यह (एस46) शिशुमार श्रेणी की (टाइप 1500) डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है। स्वदेश में निर्मित इस पहली सबमरीन को 30 सितंबर 1989 को बंबई ( मुंबई) में लॉन्च किया गया था।
आईएनएस शाल्की का निर्माण मझगांव डॉक लिमिटेड ने किया था। भारतीय नौसेना के पास शिशुमार श्रेणी की चार सबमरीन हैं-शिशुमार, शंकुश, शाल्की और शंकुल हैं। इन चारों को 1986 से 1994 के बीच नौसेना में शामिल किया गया था। इस पनडुब्बी की लंबाई 211 फीट, चौड़ाई 21 फीट और गहराई 20 फीट है।
आईएनएस शाल्की की टेस्ट डेफ्थ 850 फीट है। आईएनएस शाल्की आठ अधिकारियों सहित 40 लोगों को ले जा सकती है। इसका सतह पर वजन 1660 टन और पानी के भीतर वजन 1850 टन है। यह सतह पर 22 नॉट्स (41 किलोमीटर/घंटे) की रफ्तार से चल सकती है।