विश्व इतिहास में 08 जून तमाम घटनाक्रमों का गवाह है। कुछ घटनाएं स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हैं। ऐसी ही एक घटना टेनिस के इतिहास की है। इसी दिन 1997 के फ्रेंच ओपन में भारत के महेश भूपति ने इतिहास रचा। वह भारत के बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी हैं। उन्हें देश का पहला टेनिस ग्रैंड स्लैम विजेता होने का गौरव हासिल है। फ्रेंच ओपन में उन्होंने जापान की रीका हीराकी के साथ पुरुष-महिला मिक्स्ड डबल मुकाबला जीतते हुए यह उपलब्धि हासिल की थी। भारत के एक और बेहतरीन टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस के साथ उनकी जोड़ी पूरी दुनिया में मशहूर हुई। भूपति को विश्व के सबसे अच्छे डबल टेनिस खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।
कहते हैं दुनिया रंगमंच की तरह है। यहां हर कोई अपनी भूमिका निभाने आया है। बहुत से लोग अपनी भूमिका अच्छे से निभा पाते हैं और उनका नाम इतिहास में दर्ज हो जाता है। इस रंगमंच के ऐसे ही एक फनकार हैं हबीब तनवीर। मशहूर नाटककार, निर्देशक, कवि और अभिनेता हबीब तनवीर 08 जून को दुनिया के रंगमंच से विदा हुए। तनवीर के मशहूर नाटकों में आगरा बाजार और चरणदास चोर शामिल हैं। हबीब तनवीर ने 50 वर्ष की अपनी लंबी रंग यात्रा में 100 से अधिक नाटकों का मंचन किया। शतरंज के मोहरे, लाला शोहरत राय, मिट्टी की गाड़ी, गांव का नाम ससुराल मोर नाम दामाद, पोंगा पंडित, द ब्रोकन ब्रिज, जहरीली हवा और राज रक्त उनके मशहूरों नाटकों में शुमार हैं। लंबी बीमारी के बाद उन्होंने 2009 में 08 जून को भोपाल में 85 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहा। यही वह तारीख है जब भारत सहित दुनिया के कई देशों में 122 वर्ष के बाद शुक्र पारगमन का अद्भुत नजारा देखा गया।