देश-दुनिया के इतिहास में 08 मार्च की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख को दुनिया भर की महिलाओं के लिए ‘बड़ा दिन’ माना जाता है। दरअसल इसी तारीख को हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है।
हालांकि 1908 में पहली बार अमेरिका में महिला मजदूर आंदोलन से महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई। 15 हजार महिलाओं ने नौकरी के घंटे कम करने, बेहतर वेतन और कुछ अन्य अधिकारों की मांग को लेकर न्यूयार्क शहर में प्रदर्शन किया।
एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित किया। 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन हुआ, जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता क्लारा जेटकिन ने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने का सुझाव दिया।
इसके बाद धीरे-धीरे यह दिन दुनियाभर में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में लोकप्रिय होने लगा। इस दिन को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मान्यता 1975 में मिली, जब संयुक्त राष्ट्र ने इसे एक थीम के साथ मनाने की शुरुआत की। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की बुनियाद रखने का श्रेय सामाजिक कार्यकर्ता क्लारा जेटकिन को जाता है। उन्होंने जो किया वह इतिहास बना। ऐसी बुनियाद जिसने दुनियाभर में महिलाओं के हक की लड़ाई को तेज किया। आवाज को उठाने के ताकत दी।