कोलकाता : ट्रेड यूनियन टीयूसीसी का 11वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन 7 से 10 मई तक आध्यात्मिक नगरी हरिद्वार में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन का संचालन तीन सदस्यीय अघ्यक्ष मण्डल के हंसराज अकेला (उ प्र), रत्नेश्वर गोगोई (असम) तथा गुलाम रसूल गिलानी (जम्मू कश्मीर) ने किया। इसमें 18 राज्यों के 226 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। हरिद्वार घोषणा के नाम से संगठन का 16 सूत्री माँग पत्र पास किया गया, जिनमें प्रमुख सावर्जनिक उपक्रमों के विनिवेश को रोकने, आयुध निर्माणीयों का निगमीकरण वापस लेने, निर्माण-घरेलू कामकाजी महिलाओं- आंगनवाड़ी बहनों को न्यूनतम मजदूरी एवं सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने, अन्तर्राष्ट्रीय कामगारों के शोषण रोकने के लिए आयोग का गठन, असंगठित मजदूरों को ईएसआई और पीएफ की सुविधा आदि मुद्दे पर प्रस्ताव पारित किया गया। चुनाव के माध्यम से हंसराज अकेला (उप्र) तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं एस पी तिवारी (प बं) को चौथी बार राष्ट्रीय महासचिव चुना गया।
रत्नेश्वर गोगोई (असम) तथा जनार्दन पाण्डेय, झारखंड को उपाध्यक्ष एवं रमेन्द्र कुमार (दिल्ली), संजय कटकमवार (महाराष्ट्र), टी आनंद मुरुगन (तमिलनाडु), ईन्दर सिंह (आयुद्ध महासंघ), अनिता जुनेजा (घरेलू कामगार महासंघ ), प्रमोद पटेल (असंगठित महासंघ), गुलाम रसूल गिलानी (जम्मू कश्मीर) के साथ केन्द्रीय कमिटी के 21 सदस्यों को चुना गया। अधिवेशन में संगठन का रोडमैप, 100 दिन का लक्ष्य, मिशन 2024 एवं 2030 तय किया गया।