अंतरिक्ष में कदम रखने वाले पहले भारतीय विंग कमांडर राकेश शर्मा का 13 जनवरी 1949 को पंजाब के पटियाला में जन्म हुआ। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले 28वें इंसान थे और पहले भारतीय थे। उन्होंने 1970 में एयरफोर्स में बतौर पायलट सेवा शुरू की। 1071 के पाकिस्तान के साथ युद्ध में उन्होंने 21 बार मिग-21 से उड़ान भरी थी। 1982 में राकेश शर्मा को दो दर्जन से ज्यादा फाइटर पायलटों के टेस्ट के बाद अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना गया था। उनके अलावा रवीश मल्होत्रा बैकअप के रूप में चुने गए थे। दोनों को रूस में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया।
इसरो और सोवियत संघ के ज्वॉइंट मिशन के तहत राकेश शर्मा ने 3 अप्रैल 1984 को सोयूज टी-11 से अपने सोवियत सहयोगी यूरी मालिशेव और गेन्नेडी स्ट्रेकालोव के साथ अंतरिक्ष यात्रा शुरू की। अंतरिक्ष में उन्होंने 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट बिताए। अंतरिक्ष से सोयूज टी-11 की क्रू के साथ ज्वॉइंट कॉन्फ्रेंस के जरिए देश ने पहली बार अंतरिक्ष में मौजूद नागरिक के साथ बात की थी। जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा ने पूछा- अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है? राकेश शर्मा ने हिंदी में जवाब दिया- सारे जहां से अच्छा।
इस उपलब्धि कि लिए राकेश शर्मा को अशोक चक्र से सम्मानित किया गया। राकेश शर्मा के साथ ही उनके साथी रवीश मल्होत्रा को भी कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया।राकेश शर्मा इकलौते भारतीय हैं जिन्हें हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
वापस लौटने पर राकेश शर्मा ने एक साक्षात्कार में बताया कि स्पेस स्टेशन में खाना पेस्ट के रूप में खाया जाता था और पहली बार रूसियों ने अंतरिक्ष में उनके द्वारा लाया गया भारतीय खाना खाया, जो विशेष रूप से मैसूर में डिफेन्स फूड रिसर्च लेबोरेटरी द्वारा तैयार किया गया था, उसका स्वाद लिया। इनमें सब्जी, पुलाव, आलू छोले और सूजी का हलवा जैसे व्यंजन थे। राकेश शर्मा अपने साथ अंतरिक्ष में राजघाट की मिट्टी भी ले गए थे।
अन्य अहम घटनाएंः
2020 – लाहौर हाई कोर्ट ने उस विशेष अदालत को ‘असंवैधानिक’ करार दिया, जिसने पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को संगीन देशद्रोह का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनाई थी।
2010 – अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के कारण जर्मनी की अर्थव्यवस्था में साल 2009 के दौरान 5% की गिरावट दर्ज की गई। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से यह सबसे बड़ी गिरावट है।
2009 – जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारुख़ अब्दुल्ला नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष बनाए गए।
2008 – चाय निर्माण कंपीन मारवल चाय को संयुक्त अरब अमीरात से एक लाख किलोग्राम चाय के निर्माण का आर्डर मिला।
मैसिडोनिया में सैन्य विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से 11 लोग मरे।
2007 – महिलाओं के प्रति भेदभाव दूर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का 37वाँ अधिवेशन न्यूयार्क में शुरू।
2006 – परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान पर सैन्य आक्रमण से ब्रिटेन ने इनकार किया।
2002 – पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ के संदेश को भारत ने सकारात्मक बताया, चीनी प्रधानमंत्री झू रोंगजी 6 दिवसीय यात्रा पर भारत पहुँचे।
1999 – नूर सुल्तान नजरवायेव पुन: कजाकिस्तान के राष्ट्रपति चुने गए।
1995 – बेलारूस नाटो का 24वाँ सदस्य देश बना।
1993 – अमेरिका और उसके सहयोगियों ने दक्षिणी इराक़ में नो फ़्लाई ज़ोन लागू करने के लिए इराक पर हवाई हमले किए।
1988 – चीन के राष्ट्रपति चिंग चियांग कुमो का निधन।
1948- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता बनाये रखने के लिये आमरण अनशन शुरू किया।
1910 – न्यूयॉर्क शहर में दुनिया का पहला सार्वजनिक रेडियो प्रसारण प्रारम्भ हुआ।
1889- असम के युवाओं ने अपनी साहित्यिक पत्रिका ‘जोनाकी’ का प्रकाशन शुरू किया।
1849 – द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध के दौरान चिलियांवाला की प्रसिद्ध लड़ाई शुरू हुई।
1842 – ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी की सेना के अधिकारी डॉ. विलियम ब्राइडन ‘आंग्ल अफ़गान युद्ध’ में जिंदा बचे रहने वाले इकलौते ब्रिटिश सदस्य रहे।
1818- उदयपुर के राणा ने मेवाड़ के संरक्षण के लिये अंग्रेज़ों के साथ संधि की।
1709- मुग़ल शासक बहादुर शाह प्रथम ने सत्ता संघर्ष में अपने तीसरे भाई कमबख्श को हैदराबाद में पराजित किया।
1607 – स्पेन में राष्ट्रीय दिवालिएपन की घोषणा के बाद ‘बैंक ऑफ जेनेवा’ का पतन हुआ।