पश्चिम बंगाल के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 15वें वित्त आयोग ने 699 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया

नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान पश्चिम बंगाल के ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए 694.4446 करोड़ रुपये की असंबद्ध अनुदान की दूसरी किस्त जारी की है और 4.9323 करोड़ की असंबद्ध अनुदान की पहली किस्त का कुछ हिस्सा रोक लिया है। ये धनराशि 21 पात्र जिला पंचायतों, 326 पात्र ब्लॉक पंचायतों और 3220 पात्र ग्राम पंचायतों के लिए है।

संविधान की ग्यारहवीं अनुसूची में निहित 29 विषयों के अंतर्गत वेतन और अन्य स्थापना लागतों को छोड़कर, पंचायती राज संस्थाओं (पीआरआई) और ग्रामीण स्थानीय निकायों (आरएलबी) द्वारा स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए अनटाइड अनुदान का उपयोग किया जाएगा। अनटाइड अनुदान का उपयोग स्वच्छता और ओडीएफ स्थिति के रखरखाव की बुनियादी सेवाओं के लिए किया जा सकता है और इसमें घरेलू कचरे का प्रबंधन और उपचार तथा विशेष रूप से मानव मल और मल प्रबंधन तथा पेयजल की आपूर्ति, वर्षा जल संचयन और जल पुनर्चक्रण शामिल होना चाहिए।

भारत सरकार पंचायती राज मंत्रालय और जल शक्ति मंत्रालय (पेयजल और स्वच्छता विभाग) के माध्यम से ग्रामीण स्थानीय निकायों के लिए राज्यों को 15वें वित्त आयोग अनुदान जारी करने की सिफारिश करती है, जिसे बाद में वित्त मंत्रालय जारी करता है। आवंटित अनुदान की सिफारिश की जाती है जो एक वित्त वर्ष में दो किस्तों में जारी किया जाता है। यह वित्तीय सहायता ग्रामीण स्थानीय शासन को बेहतर बनाने, जवाबदेही बढ़ाने और गांवों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *