सुप्रसिद्ध मराठी साहित्यकार विष्णु सखाराम खांडेकर का 19 जनवरी 1898 में महाराष्ट्र के सांगली में जन्म हुआ। खांडेकर को उनकी उत्कृष्ट साहित्य साधना के लिए 1960 में साहित्य अकादमी पुरस्कार (मराठी), 1968 में पद्म भूषण, 1974 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
मराठी के इस चर्चित रचनाकार का 02 सितंबर 1976 को निधन हो गया। उनके सम्मान में 1998 में स्मारक डाक टिकट जारी किया गया था।
उन्होंने उपन्यासों और कहानियों के अलावा नाटक, निबंध और आलोचनात्मक निबंध लिखे। खांडेकर के ललित निबंध उनकी भाषा शैली के कारण काफी पसंद किए जाते हैं। जिनमें उनके उपन्यास ययाति को आज भी व्यापक रूप से पढ़ा और सराहा जाता है। उन्होंने खांडेकर ने ययाति सहित 16 उपन्यास लिखे।
इनमें हृदयाची हाक, कांचनमृग, उल्का, पहिले प्रेम, अमृतवेल, अश्रु, सोनेरी स्वप्ने भंगलेली शामिल हैं। उनकी कृतियों के आधार पर मराठी में छाया, ज्वाला, देवता, अमृत, धर्मपत्नी और परदेशी फिल्में बनीं। उन्होंने कुछ मराठी फिल्मों की पटकथा भी लिखी।