इतिहास के पन्नों में 19 जूनः भारत के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी जनक डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय की कहानी

देश-दुनिया के इतिहास में 19 जून की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारत में आईवीएफ तकनीक के लिहाज से खास है। इस तकनीक से जन्मे शिशु को टेस्ट ट्यूब बेबी कहते हैं। भारत के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के जनक डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय हैं। डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय का जन्म 16 जनवरी 1931 को हुआ था

कोलकाता के डॉ. सुभाष मुखोपाध्याय ने भारत में पहली बार 25 जुलाई, 1978 को टेस्ट ट्यूब बेबी का सफल परीक्षण किया। तीन अक्तूबर, 1978 को इस टेस्ट ट्यूब बेबी का जन्म हुआ। दुर्भाग्य से उनके काम पर पश्चिम बंगाल सरकार ने शक किया। इस वजह से सुभाष अपने काम को अंतरराष्ट्रीय फलक पर नहीं रख पाए।

मुखोपाध्याय को इसके लिए टोक्यो जाना था। संदेह जताते हुए उन्हें टोक्यो जाने से रोक दिया गया। इससे निराश होकर उन्होंने 19 जून 1981 को कोलकाता में आत्महत्या कर ली। बाद में उनके काम को सही ठहराया गया और भारत के पहले टेस्ट ट्यूब बेबी के जनक के रूप में मान्यता दी गई।

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