विख्यात भौतिकविद् और रसायनशास्त्री मैडम मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी ने 21 दिसंबर 1902 को रेडियो एक्टिव पदार्थों रेडियम और पोलोनियम को पिचब्लेंड नामक खनिज से अलग किया। उनकी यह खोज चिकित्सा जगत के लिए परिवर्तनकारी घटना थी। उनकी यह खोज कैंसर के इलाज में वरदान साबित हुई।
पोलैंड के वारसा में पैदा हुई मैरी क्यूरी विज्ञान की दो शाखाओं (भौतिकी एवं रसायन विज्ञान) में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली पहली वैज्ञानिक हैं। 1903 में मैरी क्यूरी और उनके पति पियरे क्यूरी को रेडियो एक्टिविटी की खोज के लिए भौतिकी का नोबेल पुरस्कार मिला।
1911 में उन्हें रसायन विज्ञान के क्षेत्र में रेडियम के शुद्धिकरण के लिए रसायन शास्त्र का नोबेल पुरस्कार मिला। उन्हें फ्रांस में डॉक्टरेट पूरा करने वाली पहली महिला होने का गौरव हासिल है। साथ ही पेरिस विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनने वाली वे पहली महिला बनीं।