इतिहास के पन्नों में 22 अगस्तः वो शहर है चेन्नई, जिसका जन्म 383 साल पहले हुआ

इतिहास सिर्फ अपने में घटनाओं को नहीं समेटे होता है। इन घटनाओं से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। देश-दुनिया के इतिहास में 22 अगस्त ने इतिहास के पन्नों पर अपना प्रभाव छोड़ा है। 22 अगस्त की तारीख भारत के लिए बेहद खास है। 383 साल पहले 22 अगस्त को ही भारत में एक शहर का जन्म हुआ था। यह शहर तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई है। पहले इसका नाम मद्रास हुआ करता था।

ईस्ट इंडिया कंपनी के आने से पहले मद्रास महत्वपूर्ण राजवंशों पल्लव, चोल, पांड्य और विजयनगर की प्रशासनिक, सैनिक और आर्थिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र हुआ करता था। 22 अगस्त, 1639 को ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने विजयनगर के राजा पेडा वेंकट राय से कोरोमंडल तट चंद्रगिरी में कुछ जमीन खरीदी। वेंकट राय ने अंग्रेजी व्यापारियों को यहां एक फैक्टरी और गोदाम बनाने की अनुमति दी थी। एक साल बाद ब्रिटिश व्यापारियों ने यहां सेंट जॉर्ज किला बनवाया। यह औपनिवेशिक गतिविधियों का गढ़ बना।

साल 1746 में मद्रास और सेंट जॉर्ज के किले पर फ्रांसीसी फौजों ने अपना कब्जा कर लिया। बाद में ब्रितानी कंपनी ने 1749 में एक्स ला शापेल संधि के तहत इसे हासिल कर लिया। अगले तीन दशक तक अंग्रेजों को और भी हमलों से जूझना पड़ा। 18वीं सदी के अंत तक अंग्रेजों ने सेंट जॉर्ज और आसपास के इलाके का विस्तार कर लगभग पूरे आधुनिक तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक को अपने अधीन कर लिया। इसके साथ ही उन्होंने मद्रास प्रेसिडेंसी की स्थापना की और मद्रास को यहां की राजधानी घोषित किया। भारत में ब्रिटिशकाल के दौरान मद्रास एक आधुनिक शहर और महत्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में विकसित हुआ।

मद्रास का आधुनिक नाम चेन्नई यहां के एक प्रमुख गांव चेन्नापट्टनम पर आधारित है। माना जाता है कि सेंट जॉर्ज किला मद्रासपट्टनम के पास होने के कारण अग्रेजों ने इसे मद्रास नाम दिया था। 1996 में राज्य सरकार ने मद्रास का नाम बदल कर चेन्नई कर दिया। वहीं, 22 अगस्त को ही देश में विदेशी कपड़ों की होली जलाई गई थी। यह होली महात्मा गांधी ने जलाई थी। तब स्वदेशी (खादी) के इस्तेमाल का नारा बुलंद हुआ । यह अंग्रेजों के खिलाफ अलग तरह का विद्रोह था।

इतना ही नहीं, यह तारीख हमारे खेल जगत के लिए भी खास है। साल 2018 में इसी तारीख को देश को पिस्टल निशानेबाजी में स्वर्णिम सफलता मिली । भारत की राही सरनोबत ने 25 मीटर निशानेबाजी स्पर्धा जीती थी और एशियाई खेलों की इस स्पर्धा में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने का खिताब अपने नाम किया था।

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