देश-दुनिया के इतिहास में 24 दिसंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख एक फोटो के लिए खास है। इस फोटो को दुनिया अर्थराइज के नाम से जानती है। इस अर्थराइज की रविवार को 55वीं वर्षगांठ है।
यह यकीनन मानव संस्कृति के इतिहास की सबसे गहरी छवियों में से एक है। इसे अंतरिक्ष यात्री विलियम एंडर्स ने अपने कैमरे में कैद किया था। जब एंडर्स ने अंधेरे स्थान में चंद्रमा के ऊपर झांकते हुए एक नाजुक नीले गोले की तस्वीर खींची, तो इसने अंतरिक्ष में हमारी जगह के बारे में अवधारणा को बदल दिया और दुनिया भर में पर्यावरण जागरुकता को बढ़ावा दिया।
अर्थराइज ने हमें पहली बार अपने ग्रह को बड़ी दूरी से देखने का मौका दिया। अंतरिक्ष के अंधेरे से घिरी जीवित पृथ्वी, सीमित संसाधनों के साथ, नाजुक और कमजोर दिखाई देती है। अंतरिक्ष की काली पृष्ठभूमि में एक छोटी नीली पृथ्वी को अग्रभूमि में बंजर चंद्रमा के दृश्य के साथ देखना, विशालता की भावना पैदा करता है। यह चित्र पृथ्वी का उदय मानवीय धारणा की असाधारण क्षमता का प्रमाण है। एंडर्स नासा के अपोलो-8 मिशन के हिस्सा थे। उनके साथ फ्रैंक बोरमैन और जिम लॉवेल पृथ्वी की कक्षा पर पहुंचे थे। विलियम एंडर्स की खींची ‘अर्थराइज’ फोटो के कारण यह मिशन सारी दुनिया में फेमस हुआ।