इतिहास के पन्नों में 28 जूनः आपातकाल प्रेस के लिए भी काला अध्याय

देश-दुनिया के इतिहास में 28 जून की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। वैसे भारत के राजनीतिक इतिहास में जून का पूरा महीना आपातकाल के लिए सदियों तक याद रखा जाएगा

तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 25 जून, 1975 को आपातकाल की घोषणा के दो दिन के भीतर ही राजनीतिक विरोधियों और आंदोलनकारियों की गतिविधियों पर तो पहरा बिठा ही दिया गया। अगले दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली ऐसा हुआ, जब सरकार ने प्रेस पर प्रतिबंध लगा दिए।

आलम यह था कि समाचार पत्रों में छपने वाली खबरों को सेंसर किया जाने लगा और अखबार छापने से पहले सरकार की अनुमति लेने की बंदिश लगा दी गई। आपातकाल के दौरान 3801 समाचार-पत्रों के डिक्लेरेशन जब्त कर लिए गए। 327 पत्रकारों को मीसा में बंद कर दिया गया और 290 अखबारों के विज्ञापन बंद कर दिए गए।

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