कोलकाता : एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कोलकाता के एक होटल में पार्टी के विधायकों और सांसदों के साथ बैठक की। हालांकि इसमें भी भाजपा के तीन विधायक और दो सांसद अनुपस्थित रहे जिसे लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस बैठक में मतुआ समुदाय के विधायक मुकुट मणि अधिकारी नहीं आए थे जबकि दार्जिलिंग के विधायक नीरज जिंबा और विष्णु प्रसाद शर्मा भी अनुपस्थित रहे। हाल में जीटीए चुनाव में जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस तथा अनित थापा की पार्टी ने वहां सीटें हासिल की हैं, उसके बाद से क्षेत्र में भाजपा का जनाधार घटता जा रहा है। ऐसे में इन दोनों विधायकों की अनुपस्थिति कई कयासों को बल दे गई है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय को स्थाई नागरिकता नहीं दिए जाने को लेकर समुदाय में नाराजगी है और इसे लेकर पार्टी के सांसद शांतनु ठाकुर और विधायक मुकुट मणि अधिकारी कई बार सरेआम सवाल खड़े कर चुके हैं। इसलिए इन तीनों विधायकों की अनुपस्थिति अपने आप में कई सवाल खड़े कर रही है।
इसी तरह से पश्चिम बंगाल में भाजपा के 16 सांसद हैं जिनमें से दार्जिलिंग के सांसद राजू सिंह बिष्ट और केंद्रीय मंत्री तथा सांसद डॉ. सुभाष सरकार भी अनुपस्थित थे। हालांकि बताया गया है कि राजू ने सोमवार को ही सिलीगुड़ी में द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर ली थी और सुभाष सरकार दूसरे कार्यों में व्यस्त होने की वजह से उपस्थित नहीं हो पाए।
दरअसल 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने राज्य में 77 सीटों पर जीत हासिल की थी। इनमें से सात विधायक पहले ही तृणमूल कांग्रेस में वापस लौट चुके हैं। बालुरघाट से विधायक अशोक लाहिरी की सेहत खराब होने की वजह बैठक में नहीं बुलाया गया। जबकि हाल ही में भाजपा छोड़कर तृणमूल में वापसी कर चुके सांसद अर्जुन सिंह के बेटे भाटपाड़ा के विधायक पवन सिंह को भी बैठक में नहीं बुलाया गया था। बाकी 68 में से केवल 65 विधायक द्रौपदी मुर्मू की बैठक में उपस्थित रहे।