देश-दुनिया के इतिहास में 31 मई तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए खास है। भारत में आजादी के लिए पहली लड़ाई 30-31 मई, 1857 को गाजियाबाद में हिंडन नदी के तट पर लड़ा गया था। इसलिए यह तारीख गाजियाबाद को गौरवान्वित करती है। हिंडन के तट पर मराठा-मुगल युद्ध, भरतपुर के शासक सूरजमल और नजीब के बीच भी युद्ध हुआ पर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ा गया युद्ध सबसे प्रसिद्ध है।
ऐतिहासिक सांस्कृतिक, पौराणिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से गाजियाबाद समृद्ध शहर है। यह जिले में किए गए पुरातात्विक अनुसंधान कार्य और खुदाई से साबित हुआ है। मोहन नगर से दो किमी उत्तर में हिंडन नदी के तट पर स्थित केसरी के टीले पर की गई खुदाई से पता चलता है कि यहां लगभग 2500 बीसी में सभ्यता विकसित हो गई थी। जिले की पूर्वी सीमा पर गांव कोट स्थित है। इस संबंध प्रसिद्ध सम्राट समुद्र गुप्त से है। समुद्र गुप्त ने किला और कोट कुलजम (कोट वंश के राजकुमारों) को नष्ट करने के बाद यहां अश्वमेध यज्ञ किया था। यह महान ऐतिहासिक महत्व की घटना थी।
वर्ष 1313 में सुल्तान मुहम्मद-बिन-तुगलक के शासन के दौरान यह पूरा क्षेत्र एक विशाल युद्ध क्षेत्र बन गया था। सुल्तान नसीरुद्दीन जो अपनी सादगी और ईमानदारी के लिए प्रसिद्ध थे, ने अपना बचपन यहां लोनी किले में गुजारा। उसी दौरान तैमूर का हमला इस किले पर हुआ और उसके द्वारा किए गए मानव नरसंहार इतिहास में संदर्भित हैं।