कोलकाता में गुंडागर्दी की वजह से बंद हुई 65 साल पुरानी बेकरी

कोलकाता : एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार नए नए निवेशकों को आकर्षित करने की पुरजोर कोशिश कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ महानगर में गुंडागर्दी की वजह से सालों पुरानी एक बेकरी बंद हो गई है। बेकरी के मालिक प्रदीप कुमार साहा का कहना है कि उन्हें इस मामले में पुलिस प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है।

63 वर्षीय प्रदीप साहा ने बताया कि 65 साल पहले उनके पिता ने कोलकाता के चार नंबर प्रिंस अनवर शाह रोड पर बेकरी की स्थापना की थी। आरोप है कि पिछले कुछ समय से प्रदीप पर बेकरी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि बीते 21 नवंबर को 40-50 लड़के आए और जबरदस्ती दुकान पर कब्जा करने की कोशिश की। उन्होंने दुकान में लगे सीसी कैमरे तोड़ दिए। पुलिस ने किसी तरह उन्हें रोका। इस घटना के बाद भी बेकरी चलता रहा। सोमवार को फिर से पचास के करीब स्थानीय लड़कों ने आकर बेकरी को जबरन बंद करवा दिया और प्रवेश द्वार पर दीवार खड़ी करवा दी। प्रदीप ने बताया कि स्थानीय एक प्रमोटर वहां कोई इमारत बनाना चाहता है। चारू मार्केट थाने में पुलिस ने उक्त प्रमोटर के साथ सुलह कराने की कोशिश की।

आरोप है कि इस घटना के पीछे दक्षिण कोलकाता के एक प्रभावशाली नेता का हाथ है। मामले में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस समर्थकों की भूमिका बताई जा रही है। एक स्थानीय तृणमूल कार्यकर्ता ने दावा किया बेकरी की जमीन का एक हिस्सा प्रदीप साहा ने किराये पर लिया था जिस पर उन्होंने बाद में कब्जा कर लिया। हालांकि प्रदीप साहा ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

मंगलवार की सुबह प्रदीप साहा ने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, डीसी साउथ एवं चारू मार्केट थाने में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि स्थानीय प्रमोटर मोहन कुमार के नेतृत्व में पचास-साठ के करीब लड़कों ने उनकी बेकरी पर हमला कर जबरन बंद करवा दिया। जब वे लोग बेकरी के आगे दीवार खड़ी कर रहे थे तो उन्होंने पुलिस से उन्हें रोकने की गुहार लगाई लेकिन पुलिस ने साफ कह दिया अब जो होगा वह अदालत में ही होगा। दूसरी तरफ प्रमोटर मोहन कुमार का दावा है कि वे घटनास्थल पर मौजूद ही नहीं थे। उन्होंने बताया कि सोमवार को उनकी तबीयत खराब थी इसलिये वे ठीक से बात भी नहीं कर पा रहे।

हालांकि प्रदीप साहा का दावा है कि सोमवार को बेकरी बंद कराने आये लड़कों का नेतृत्व मोहन कुमार ही कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा कि कारखाना बंद होने से तकरीबन सो लोगों की रोजी रोटी खतरे में पड़ गई है। ऐसे में वे बेकरी बचाने के लिए हरसंभव प्रयत्न करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *