कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के समय स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के सलाहकार समिति के सदस्य रहे शांति प्रसाद सिन्हा और अशोक साहा को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया। यहां से इन्हें 7 दिनों की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया है। दोनों को अलीपुर कोर्ट में पेश किया गया जहां सिन्हा के अधिवक्ता ने दावा किया कि जब भी सीबीआई ने पूछताछ के लिए बुलाया है उनके वकील गए हैं, बावजूद इसके जांच में असहयोग का आरोप लगाकर फर्जी तरीके से गिरफ्तार किया गया है।
दूसरी ओर सीबीआई के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जो दस्तावेज एसपी सिन्हा और अशोक के कब्जे में थे उन सभी को नष्ट कर दिया गया है और नियुक्ति संबंधी साक्ष्य मिटाए गए हैं। इसके अलावा इन लोगों ने फर्जी नियुक्ति पैनल बनाए, जांच अधिकारियों को गुमराह करने के लिए पैनल का नाम बदला, गैरकानूनी तरीके से रिक्त पद सृजित किए और उस पर अयोग्य लोगों को नियुक्त करने का रास्ता घूस लेकर बनाया गया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने उन्हें 17 अगस्त तक सीबीआई हिरासत में रखने का आदेश दिया है।
सिन्हा के अधिवक्ता ने दावा किया है कि उनके मुवक्किल केवल कर्मचारी थे। उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि वह बुजुर्ग हैं और लगातार दवा खानी पड़ती है। सीबीआई जब बुलाएगा तब पूछताछ में सहयोग करेंगे लेकिन उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। हालांकि कोर्ट ने उनकी मांग को खारिज करते हुए दोनों को एक सप्ताह की हिरासत में रखने का आदेश दिया है।