बंगाल के दंपति पर साइबर ठगी के 900 केस, बिहार के दरभंगा से हुई गिरफ्तारी

कोलकाता : देशभर में साइबर ठगी के करीब 900 मामलों में नामजद एक पति-पत्नी को कूचबिहार पुलिस ने बिहार के दरभंगा से गिरफ्तार किया है। इस दंपति पर दर्जनों राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में साइबर ठगी के करीब 900 से अधिक केस दर्ज हैं। पुलिस के अनुसार, ये लोग अब तक 48 लाख 15 हजार की ठगी कर चुके हैं।

जिला पुलिस की ओर से बुधवार सुबह जारी बयान में बताया गया है कि गिरफ्तार आरोपितों की पहचान शुभजीत बल्लव और रिया हल्दार बल्लव के रूप में हुई है। दोनों मूल रूप से नदिया जिले के राणाघाट के रहने वाले हैं। यह जोड़ा पहले भी मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर थाना पुलिस द्वारा पकड़ा गया था लेकिन जमानत पर बाहर आने के बाद इन्होंने दोबारा साइबर ठगी शुरू कर दी।

कूचबिहार जिला पुलिस अधीक्षक दुतिमान भट्टाचार्य ने बताया कि साहेबगंज और तूफानगंज थानों में दर्ज दो मामलों की जांच के दौरान यह दंपति बिहार के दरभंगा के एक होटल में ठहरा पाया गया। उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर कूचबिहार लाया गया।

पुलिस की जांच में पता चला कि यह दंपति सीमावर्ती इलाकों में बीएसएफ आउटपोस्ट्स के सामने स्थित कस्टमर सर्विस प्वाइंट्स (सीएसपी) को निशाना बनाकर लोगों से धोखाधड़ी करता था। आरोपित खुद को बीएसएफ अधिकारी, कंपनी कमांडर या निरीक्षक बताकर लोगों को फोन करते थे और कहते थे कि कुछ पैसे भेजने पर उन्हें नकद या कमीशन में लौटाया जाएगा। जब लोग बीएसएफ कैंप पहुंचते, तब उन्हें ठगी का अहसास होता।

जब पुलिस ने शुभजीत के मोबाइल नंबर को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स पोर्टल पर जांचा तो सामने आया कि सिर्फ साल 2024 में 877 एफआईआर में उसका नंबर दर्ज है, जबकि 2025 में अब तक 68 एफआईआर हो चुकी हैं। इनमें से 19 मामले सिर्फ कूचबिहार जिले में दर्ज हैं।

पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश में 183, राजस्थान में 107, तेलंगाना में 77, महाराष्ट्र में 60, दिल्ली में 55, बिहार में 54, तमिलनाडु में 49 और पश्चिम बंगाल में 43 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा 258 केस देश के विभिन्न केंद्रशासित प्रदेशों में भी दर्ज हैं।

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि इस ठगी रैकेट से और कौन-कौन लोग जुड़े हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस दंपति ने कितने फर्जी पहचान पत्र और खातों का इस्तेमाल किया। पुलिस का मानना है कि यह ठगी नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ था और इसके तार अन्य राज्यों के अपराधियों से भी जुड़े हो सकते हैं।

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