कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पहले से दुष्कर्म के चार मामलों की जांच कर रही आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन पर कलकत्ता हाईकोर्ट ने एक बार फिर भरोसा जताया है। कोर्ट ने दक्षिण 24 परगना के नामखाना में हुए दुष्कर्म की जांच भी हाईकोर्ट ने दमयंती सेन को ही सौंपी है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के खंडपीठ में गृहणी से दुष्कर्म की जांच सेन को सौंपते हुए कहा कि तत्काल स्थानीय थाने को सारी रिपोर्ट जमा करनी होगी।
घटना इसी महीने की नौ तारीख को शुरू हुई थी। नामखाना थाने के पाटीबुनिया गांव की गृहिणी के साथ घर से शौचालय जाते समय सामूहिक दुष्कर्म किया गया। पुलिस के मुताबिक पीड़िता ने पुलिस को सूचना दी कि वह तड़के करीब तीन बजे उठी और बरामदे में शौच के लिए निकली थी। तभी चार-पांच लोगों ने आकर पीछे से उसका मुंह बांध लिया और उससे सामूहिक दुष्कर्म किया। बाद में उन्होंने उसके शरीर पर मिट्टी का तेल डालकर उसे जलाने का प्रयास किया।
महिला के ससुर के घर से बाहर आते ही आरोपित फरार हो गए। घटना के वक्त पीड़िता का पति घर पर नहीं था। वह काम के सिलसिले में कहीं और रहता था। बाद में जब पति घर लौटा तो गृहिणी ने सारी घटना की जानकारी दी। अब कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी इस घटना की जांच दमयंती सेन को सौंप दी है।
मुख्य न्यायाधीश के पीठ ने शुक्रवार को कहा कि जांच आईपीएस अधिकारी दमयंती सेन की देखरेख में की जाएगी। कोर्ट ने पीड़िता, उसके परिवार और गवाहों की सुरक्षा का भी आदेश दिया। बताया गया है कि जांच की प्रगति की जांच के बाद सीबीआई जांच के आवेदन पर विचार किया जाएगा। इससे पहले, कोर्ट ने लालबाजार के एक पूर्व खुफिया अधिकारी दमयंती सेन को मटिया, देगंगा, इंग्लिशबाजार और बांसद्रोनी बलात्कार मामलों की जांच सौंपी है।