कोलकाता : पेट्रोलियम उत्पादों पर राज्य सरकारों द्वारा वैट घटाए जाने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान को लेकर पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग छिड़ गई है। मुख्यमंत्रियों संग बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आम लोगों को महंगाई से राहत देने के लिए राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाए जा रहे वैट को घटाने की नसीहत दी है। इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की आलोचना की है।
पार्टी के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा है कि केंद्र सरकार को पहले पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतें घटानी चाहिए। उसके बाद राज्यों से कीमत कम करने की बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार 90 हजार करोड़ रुपये का बकाया अभी भी केंद्र सरकार के पास है जिसका तत्काल भुगतान करे। इसके अलावा चक्रवात ‘बुलबुल’ से लेकर ‘यास’ तक में केंद्र की ओर से मदद की जिस राशि की घोषणा की गई थी वह भी अभी तक नहीं दी गई है। केंद्र सरकार राज्यों से जीएसटी लेती है लेकिन उसमें जो राज्य का हिस्सा है उसे नहीं लौटाती। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुंह से महंगाई से राहत देने की बात शोभा नहीं देती।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी की आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने ट्विटर पर लिखा कि आज मुख्यमंत्रियों संग बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष शासित राज्यों द्वारा पेट्रोल और डीजल पर कर कम करने की बात कही है। विपक्ष शासित सरकारें महामारी के दौरान भी मुनाफाखोरी और राजनीति करने में व्यस्त हैं जबकि उपभोक्ता पीड़ित हैं।
मालवीय ने विपक्ष शासित राज्यों में राज्य सरकार द्वारा लगाए गए कर (टैक्स) की एक सूची भी ट्विटर पर डाली है और लिखा है कि यह सिर्फ एक झलक है कि कैसे गैर-भाजपा शासित राज्य नागरिकों को निचोड़ रहे हैं।