कोलकाता : डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर कोलकाता नगर निगम इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग की योजना बना रहा है। कोलकाता नगर निगम के कोषागार की स्थिति अच्छी नहीं है। कोलकाता नगर निगम तकरीबन एक हजार करोड़ के कर्जे में डूबा हुआ है। इस परिस्थिति में डीजल और पेट्रोल की लगातार बढ़ रही कीमतों के बीच निगम के आर्थिक स्थिति का ध्यान रखते हुए कोलकाता नगर निगम ने यह फैसला किया है।
शनिवार को टॉक टू मेयर कार्यक्रम के दौरान कोलकाता नगर निगम के मेयर फिरहाद हकीम ने कहा कि कोलकाता नगर निगम के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की कोशिश की जा रही है। जिस प्रकार से डीजल और पेट्रोल की कीमतें बढ़ रही हैं, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग कर उससे बचा जा सकता है। मैंने कई लोगों से इस बारे में बात की है। एलसी से भी बात की है। कोलकाता शहर के लिए दो हजार इलेक्ट्रिक बसों की मांग की है लेकिन वह मिल नहीं रही हैं। टाटा के पास तीन हजार बसों का आर्डर है लेकिन वह 12 सौ से अधिक नहीं दे पा रही है।
उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से ईसीएल को इलेक्ट्रिक व्हीकल की मांग की गई है। लेकिन हमें इतनी गाड़ियां नहीं मिल पा रही हैं। उन्होंने कई चरणों में 15 गाड़ियों के हिसाब से इलेक्ट्रिक गाड़ियां देने को कही हैं। इस महीने कुछ गाड़ियां मिल सकती हैं। मेयर ने आगे कहा कि लिथियम बैटरी के अभाव में यह समस्या हो रही है। इस कारण विद्युत चलित साइकिल भी नहीं मिल रहा है। धीरे-धीरे हम लोग पेट्रोल की गाड़ियों को बंद कर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर जाएंगे।