इतिहास के पन्नों में : 02 मई – कला के क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ वैश्विक नाम

लियोनार्दो दा विंची का जन्म तो इटली के फ्लोरेंस प्रांत के विंची नामक गांव में हुआ लेकिन एक लंबे कालखंड के बावजूद वे वैश्विक स्तर पर चित्रकला के शिखर पुरुष के रूप में आज भी याद किये जाते हैं। 1452 में जन्मे लियोनार्दो दा विंची का 02 मई 1519 को फ्रांस में निधन हो गया। उनकी पेंटिंग ‘मोनालिसा’ आज भी दुनिया भर में मशहूर है। एक युवती के इस पोट्रेट को लेकर जाने-माने कला विशेषज्ञों ने अलग व्याख्या की और शिक्षा अकादमियों में यह छात्रों के शोध का विषय रहा है।

मूर्तिकार के साथ एक आविष्कार रहे लियोनार्दो दा विंची, अपने समय से आगे की सोच रखने वाली शख्सियत थे। उनकी कृतियां इतनी बेमिसाल मानी जाती हैं जिनकी नकल कर लोगों ने रातोंरात शोहरत हासिल कर ली। ‘द लास्ट सपर’ उनकी ऐसी ही पेंटिंग है जिसकी दुनिया भर में सबसे ज्यादा अनुकृतियां बनी। इसके अलावा ‘विट्रयूवियन मैन’, ‘द वैप्टिस्म ऑफ क्राइस्ट’, ‘मडोना ऑफ द कारनेशन’ जैसी उनकी पेटिंग ने भी वैश्विक ख्याति बटोरी।

चित्रकला के साथ-साथ विविध विषयों के अच्छे जानकार लियोनार्दो दा विंची वास्तुकला, सिविल इंजीनियरिंग, भूगर्भ विज्ञान, जीव विज्ञान में भी दखल रखते थे। विशेषकर शरीर विज्ञान में उनकी जानकारी, अपने समय में काफी महत्व रखती थी।

अन्य अहम घटनाएं:

1921: मशहूर फिल्म निर्माता, निर्देशक और लेखक सत्यजीत रे का जन्म।

1929: भारतीय राजनीतिज्ञ और साहित्यकार विष्णुकांत शास्त्री का जन्म।

1985: सुप्रसिद्ध पत्रकार और साहित्यकार बनारसीदास चतुर्वेदी का निधन।

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