कोलकाता : भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार को एक बार फिर सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला है। ममता बनर्जी सरकार के तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगाँठ पर उन्होंने कहा कि बंगाल में पिछला एक साल कलंक का अध्याय रहा है। इस दौरान पूरे राज्य में भाजपा के 60 कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतारा गया।
सोमवार की सुबह इको पार्क में मॉर्निंग वॉक करने पहुंचे दिलीप घोष ने कहा कि विधानसभा चुनाव के समय कई ऐसे लोग थे जिन्होंने 500 रुपये के लालच में तृणमूल कांग्रेस को वोट दिया और आज वही साधारण लोग सबसे ज्यादा प्रताड़ित हैं। पिछले साल दो मई को ही विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग जीत के बाद यह कहते नहीं थक रहे थे कि लोगों ने जीत दिलाई है आज उन्हीं की वजह से साधारण लोग हाहाकार कर रहे हैं। जो थोड़े बहुत रुपये के लालच में तृणमूल को वोट दिए थे वे सबसे अधिक पीड़ित, अपमानित और अत्याचारित हैं। पिछला एक साल पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र के इतिहास का सबसे कलंक भरा अध्याय रहा है।
बंगाल में जूट उद्योग की बदहाली को लेकर सांसद अर्जुन सिंह द्वारा आवाज उठाए जाने और उनका समर्थन माकपा के पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचुरी द्वारा किये जाने को लेकर भी उन्होंने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बंगाल की बदहाली और उद्योगों की दुर्दशा के लिए सबसे अधिक माकपा तथा कम्युनिस्ट जिम्मेवार रहे हैं।
सिंह की नाराजगी को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अर्जुन सिंह की नाराजगी दूर करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने जो मुद्दे उठाए हैं उनका समाधान निश्चित तौर पर होगा।