महान स्वतंत्रता सेनानी, समाजसेवी, विचारक के साथ महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई 1866 को तत्कालीन बंबई प्रेसिडेंसी अंतर्गत महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में हुआ था। उन्होंने एल्फिंस्टन कॉलेज से स्नातक की उपाधि ग्रहण की।
गोपाल कृष्ण गोखले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लोकप्रिय नरमपंथी नेता थे। वे 1890 में कांग्रेस में आए और 1899 में बंबई विधानसभा और 1902 में इम्पीरियल विधान परिषद् के लिए निर्वाचित हुए। गोखले महादेव गोविन्द रानडे के शिष्य गोखले चरित्र निर्माण के हिमायती थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने 1905 में सर्वेन्ट्स ऑफ इंडिया सोसायटी की स्थापना कर नौजवानों को सार्वजनिक जीवन के लिए प्रशिक्षित करना शुरू किया। वे वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा को भारतीय समाज के लिए जरूरी मानते थे।
गोखले दक्षिण अफ्रीका भी गए और भारतीय समाज के लिए वहां चलाए जा रहे गांधीजी की मुहिम में गहरी दिलचस्पी ली। दक्षिण अफ्रीका से जब गांधीजी स्वदेश वापस आए तो गोपालकृष्ण गोखले के निर्देशन में ही देश सेवा का कार्य शुरू किया। उदारवादी विचारधारा के अग्रणी प्रवक्ता गोपाल कृष्ण गोखले का 1915 में निधन हो गया।
अन्य अहम घटनाएंः
1540ः वीरता और शौर्य के प्रतीक महाराणा प्रताप का जन्म।
1653ः बाइस वर्षों के लगातार परिश्रम के बाद ताजमहल का निर्माण कार्य पूरा हुआ।
1946ः डॉ. राममनोहर लोहिया की अगुवाई में गोवा में पुर्तगाल के शासन के खिलाफ सत्याग्रह आंदोलन शुरू।