इतिहास के पन्नों में 24 मईः इस तिथि से है वाराणसी का अटूट रिश्ता

देश-दुनिया के संदर्भ में ’24 मई’ इतिहास के स्वर्णिम पन्नों में दर्ज है। इस तिथि का वाराणसी से गहरा नाता है। महत्वपूर्ण यह है कि वाराणसी का नाम चर्चा में है। यहां हाल ही में हुए कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में बाबा विश्वनाथधाम के ठीक बगल में ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग मिला है। आस्था की सर्वोच्च भावना की गूंज कानून की चौखट पर हो रही है। अब यह शिवलिंग विश्व भर में चर्चा के केंद्र में है।

पौराणिक नगरी काशी का दूसरा नाम बनारस है। बावजूद इसके तीसरा प्रचलित नाम वाराणसी है। काशी और बनारस आदि नामों के बीच 24 मई, 1956 को प्रशासनिक तौर पर इसका वाराणसी नाम स्वीकार किया गया। उस दिन भारतीय पंचांग में दर्ज तिथि के अनुसार वैसाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा और चंद्रग्रहण का योग था। इस तरह वाराणसी का नामकरण सबसे पुण्यकाल में स्वीकार किया गया। हालांकि वाराणसी नाम बेहद पुराना है। इतना पुराना कि मत्स्य पुराण में भी इसका जिक्र है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *