चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने से पहले उनका स्टिंग ऑपरेशन करवाया गया है। यह पूरी कार्रवाई दस दिन में हुई है।
सीएम मीडिया सेल द्वारा जारी अधिकारिक जानकारी के अनुसार एक अधिकारी ने करीब दस दिन पहले मुख्यमंत्री कार्यालय में विजय सिंगला द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की ख़बर मुख्यमंत्री को दी। अधिकारी ने सीएम को बताया कि मंत्री व उनके करीबी एक प्रतिशत पैसा मांग रहे हैं। क्या किया जाए?
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अधिकारी को खुद भरोसा दिलाया कि वह उनके साथ हैं और किसी मंत्री से उन्हें डरने की ज़रूरत नहीं। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शिकायत करने वाले अधिकारी की सहायता से एक स्टिंग ऑपरेशन करवाया। इसमें यह साफ हो गया कि मंत्री विजय सिंगला और उनके खास पहचान वाले एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे।
इसकी रिकॉर्डिंग करने के बाद और पूरे सबूत मिलने के बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्वास्थ्य मंत्री को अपने पास तलब किया। सीएम ने स्वास्थ्य मंत्री से जब पूछताछ की और उसे रिकार्डिंग दिखाई तो उन्होंने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया।
इसके बाद भगवंत मान ने आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के साथ इस बारे में बातचीत की। विजय सिंगला की बर्खास्तगी पर मुहर रविवार को केजरीवाल के चंडीगढ़ दौरे के दौरान ही लग चुकी थी लेकिन इसे मंगलवार को क्रियान्वित किया गया।
बर्ख़ास्तगी के बाद सिंगला गिरफ्तार
चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा मंत्रिमंडल से हटाए गए स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने बठिंडा से गिरफ्तार कर लिया है। विजय सिंगला ने पंजाब के मानसा विधानसभा हलके से चुनाव लड़ा था।
उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार सिद्धू मूसेवाला को हराया था। मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जब सिंगला को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया तो वह मानसा में थे। मुख्यमंत्री द्वारा मंत्रिमंडल से निकाले जाने से पहले ही उनके खिलाफ मोहाली में मामला दर्ज किया जा चुका था। इसी दौरान एसीबी की टीम ने सिंगला को गिरफ्तार कर लिया।