देश-दुनिया के इतिहास में 05 जून का विशेष महत्व है। जून का पहला सप्ताह और उसमें भी पांच जून की तारीख सिखों के सीने में जख्म के रूप में चस्पा है। भारतीय सेना ने 1984 में इस तारीख को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर परिसर में प्रवेश किया। सिखों के इस सर्वाधिक पूजनीय स्थल पर सेना के अभियान को आपरेशन ब्लूस्टार नाम से जाना जाता है।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पंजाब को उग्रवाद के दंश से छुटकारा दिलाना चाहती थीं। उन्होंने सख्त कदम उठाया और खालिस्तान के कट्टर समर्थक जरनैल सिंह भिंडरावाले का खात्मा करने और सिखों की आस्था के पवित्रतम स्थल स्वर्ण मंदिर को उग्रवादियों से मुक्त करने के लिए इस अभियान हरी झंडी दी।
समूचे सिख समुदाय ने इसे हरमंदिर साहिब की बेअदबी माना और इंदिरा गांधी को अपने इस कदम की कीमत अपने सिख अंगरक्षक के हाथों जान गंवाकर चुकानी पड़ी।