योगी ने कहा कि प्रयागराज कुंभ की भव्यता, सुरक्षता, 13 अखाड़ों के बीच संवाद और समन्वय, आचार्य धर्माचार्यों के बीच बेहतर संवाद और सम्मान, इन सबको लेकर उन्होंने सुदंर प्रयास किया था. इसी का परिणाम था कि प्रयागराज कुंभ पहली बार वैश्विक मंच पर पहली बार अद्भुत घटना के रूप में जाना जाता है. साधु समाज की समस्या हो, या धर्माचार्यों की समस्या, अखाड़ा परिषद के अंदर या मंदिर की समस्या. हर निर्णय में उनका सानिध्य और सहयोग मिलता था.