कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद ममता बनर्जी की सरकार सरकारी कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) नहीं दे रही है। इसके खिलाफ प्रदर्शन की अनुमति भी पुलिस नहीं दे रही थी जिस पर हाईकोर्ट ने गुरुवार को महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। न्यायमूर्ति संपा सरकार के एकल पीठ ने कहा है कि लोकतंत्र में शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन का अधिकार लोगों को है और इसे कतई नहीं रोका जा सकता। उन्होंने कहा कि चार घंटे के अंदर प्रदर्शन खत्म करना होगा और किसी भी तरह के नुकसान की अनुमति नहीं होगी ।
दरअसल पिछले महीने हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी सरकार को सरकारी कर्मचारियों को 31 फ़ीसदी डीए देने का निर्देश दिया था लेकिन राज्य सरकार ने कोर्ट के इस आदेश को अभी तक अमलीजामा नहीं पहनाया है। इसी के खिलाफ उस्ती नाम के कर्मचारियों के संगठन ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी। 11 जून यानी आगामी शनिवार को वे सुबोध मल्लिक स्क्वायर से रानी रासमणि एवेन्यू तक रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन करना चाहते थे लेकिन पुलिस ने अनुमति नहीं दी।
इसके बाद संगठन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। इसी पर गुरुवार को फैसला आया है। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता विक्रम बनर्जी ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को मिलाकर रैली में करीब पांच हजार लोगों के शामिल होने की संभावना है। पुलिस अनुमति नहीं दे रही थी। हाई कोर्ट ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी है। शाम 3:45 बजे से पहले विरोध प्रदर्शन के सारे कार्यक्रम खत्म करने होंगे और शाम 4:00 बजे तक विरोध प्रदर्शन वाली जगह खाली करने का आदेश कोर्ट ने दिया है। इसका अनुपालन किया जाएगा।