इतिहास के पन्नों में : 11 जून – सागर का सम्राट

पेशे से वकील लेकिन समुंदर के प्यार में ऐसे डूबे कि जीवन उसके नाम कर दिया। भारत के महान तैराक मिहिर सेन ने सॉल्ट वाटर तैराकी में पांच अहम कीर्तिमान स्थापित किए। मिहिर सेन एशिया के पहले तैराक थे, जिन्होंने इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया। उन्होंने 27 सितंबर 1958 को यह करिश्मा किया था।

16 नवंबर 1930 को पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में पैदा हुए मिहिर सेन ने ओडिशा से कानून में स्नातक की डिग्री के बाद आगे की शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। इसी दौरान उनपर इंग्लिश चैनल पार करने का जुनून चढ़ा। उन्होंने 14 घंटे 45 मिनट में अपना लक्ष्य पूरा कर तैराकी के फलक पर अपनी मेधा की चमक बिखेरी।

भारत लौटकर उन्होंने एक और कीर्तिमान स्थापित किया। श्रीलंका के तलाईमन्नार से भारत के धनुषकोडी की दूरी को 25 घंटे 44 मिनट में तैरकर पूरा किया। उन्होंने 24 अगस्त 1966 में स्पेन और मोरक्को के बीच स्थित जिब्राल्टर डार ई डेनियल को 8 घंटे एक मिनट में तैरकर पूरा किया। ऐसा करने वाले वे पहले एशियाई तैराक बने। पनामा कैनाल को उन्होंने लंबाई में तैरकर दो चरणों में 34 घंटे 15 मिनट में पार किया।

भारत सरकार ने मिहिर सेन की उपलब्धियों के लिए उन्हें 1959 में पद्मश्री और 1967 में पद्मभूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया। इस महान भारतीय तैराक के कीर्तिमानों भरा जिंदगी का सफर 11 जून 1997 को कोलकाता में पूरा हुआ।

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