इतिहास के पन्नों में 13 जूनः दिल्ली का उपहार सिनेमा 1997 में बन गया लाक्षागृह

इतिहास में हर तिथि का कोई न कोई महत्व है। कुछ तारीखें स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो जाती हैं तो कुछ त्रासदी बनकर रुलाती रहती हैं। ऐसी ही एक तारीख 13 जून, 1997 है। इस शाम भारत का हर व्यक्ति रोया। हुआ यूं कि दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमाघर में ‘बॉर्डर’ फिल्म देखने पहुंचे बहुत से लोगों के जीवन के लिए यह शो अंतिम दिन साबित हुआ था।

शो के दौरान सिनेमाघर के ट्रांसफॉर्मर कक्ष में आग लग गई। देखते-देखते उपहार सिनेमाघर आग की लपटों में घिरकर लाक्षागृह बन गया। आग से झुलसकर 59 लोगों की मौत हो गई। इनमें महिलाएं और बच्चे भी थे। इसके अलावा 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। जांच के दौरान पता चला कि सिनेमाघर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। यह देश की सबसे भयानक त्रासदियों में से एक है।

सिनेमाघर के मालिकों गोपाल अंसल और सुशील अंसल को दिल्ली की एक अदालत दोषी ठहरा चुकी है। अगस्त 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों को मुक्त होने की अनुमति दी और दोनों को 30 करोड़ रुपये का जुर्माना देने को कहा। फरवरी 2017 में शीर्ष अदालत ने 2:1 बहुमत के फैसले के माध्यम से 78 वर्षीय सुशील अंसल को उनकी उम्र से संबंधित जटिलताओं का हवाला देते हुए राहत दी। उनके छोटे भाई गोपाल अंसल को शेष एक साल की जेल की सजा काटने का आदेश दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *