कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में सोमवार को पारित हुए “द वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी लॉ अमेंडमेंट बिल 2022” के पक्ष और विपक्ष में पड़े वोटों की गणना में भूल हुई थी। मंगलवार को विधानसभा की शुरुआत के साथ ही अध्यक्ष विमान बनर्जी ने यह बात स्वीकार कर ली है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बनर्जी ने कहा कि वोट गणना में गलती हुई है और इसकी विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ऐसा कैसे हुआ, यह देखा जा रहा है और उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी।
दरअसल राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति (चांसलर) के रूप में राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नियुक्त किए जाने संबंधी उपरोक्त विधेयक को सोमवार राज्य सरकार ने विधानसभा से पारित कराया है। वोटिंग के समय अध्यक्ष बनर्जी ने घोषणा की थी कि विधेयक के समर्थन में 182 विधायकों ने वोट दिया है जबकि विपक्ष में केवल 40 विधायकों ने वोटिंग की है। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने गलत परिणाम घोषित करने का आरोप लगाया था।
नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कहा था कि भाजपा के 57 विधायकों ने सदन की कार्यवाही में हिस्सा लेकर विधेयक के खिलाफ वोटिंग की है। ऐसे में केवल 40 वोट क्यों दिख रहे हैं?
बाद में पता चला था कि वोटिंग की गणना में गलती हुई थी और पक्ष में केवल 159 विधायकों के वोट पड़े थे जबकि विपक्ष में 55 विधायकों ने वोटिंग की है। इसके बाद मंगलवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, अध्यक्ष बनर्जी ने इस गलती को स्वीकार करते हुए कहा कि विभागीय जांच हो रही है और भविष्य में ऐसी गलती नहीं होगी, यह उम्मीद है।