कोलकाता : विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, भाजपा के चीफ व्हिप मनोज टिग्गा समेत पार्टी के निलम्बित सातों विधायकों का निलंबन गुरुवार को खत्म कर दिया गया है। विधानसभा में महिला भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने इसके लिए प्रस्ताव लाया था जिसे अध्यक्ष विमान बनर्जी ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि विधानसभा से बाहर कोई भी विधायक रहे। नियमानुसार काम होना चाहिए। इसके बाद प्रस्ताव पारित हुआ और सभी विधायकों का निलंबन वापस लेने की घोषणा की गई।
अग्निमित्रा के प्रस्ताव लाने के बाद अध्यक्ष ने कहा कि मैंने पहले कहा था कि हम सदन में प्रस्ताव लाने पर चर्चा करेंगे।
अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि जहां विपक्ष का नेता नहीं है, विपक्ष का मुख्य सचेतक नहीं है, वहां सदन कैसे कार्य कर सकता है? इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि सदन में विपक्ष की बड़ी भूमिका होती है। हालांकि, अगर विपक्ष कानून का पालन नहीं करता है, तो यह अफ़सोस की बात है। मैं नेता प्रतिपक्ष भी था। हमें विधानसभा के नियमों और कानूनों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। हम सभी को विधानसभा के नियमों का पालन करना चाहिए।
पार्थ चटर्जी ने कहा कि जिस दिन अध्यक्ष ने निलंबित किया था उसी दिन प्रस्ताव लाने को कहा था लेकिन आपने नियमों को नहीं माना और कोर्ट चले गए। हालांकि जज ने दोबारा विधानसभा अध्यक्ष पर ही सब कुछ छोड़ दिया था। मैं अब कड़वाहट नहीं बढ़ाना चाहता। मैं अपने बाकी सदस्यों को विधानसभा की परंपरा को बनाए रखने के लिए प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए कहूंगा। इसके बाद प्रस्ताव को विधानसभा ने पारित कर दिया गया। इसके साथ ही भाजपा विधायकों दीपक बर्मन, शुभेंदु अधिकारी, शंकर घोष, मनोज टिग्गा, नरहरि महतो -का निलंबन वापस ले लिया गया है। हालांकि भाजपा विधायक अशोक लाहिड़ी ने अध्यक्ष पर हमला बरकरार रखा और कहा कि आपके कार्यकाल में जो फैसले लिए जा रहे हैं वे इतिहास में दर्ज होंगे।