- विधानसभा में मुख्यमंत्री के बयान से नाराज विपक्ष ने किया वाकआउट
कोलकाता : भारतीय सेना में नौकरी के लिए केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी “अग्निपथ” योजना को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विवादास्पद बयान दिया है। सोमवार को राज्य विधानसभा में उन्होंने कहा कि अग्निपथ के जरिए सेना में नियुक्ति नहीं होगी बल्कि भारतीय जनता पार्टी के लिए कैडर और गुंडे तैयार किए जाएंगे। उन्होंने भ्रम की स्थिति को हवा देते हुए कहा है कि अग्निपथ की घोषणा भारतीय सेना ने नहीं बल्कि रक्षा मंत्रालय ( भारतीय सेना रक्षा मंत्रालय के अधीनस्थ है) की ओर से की गई है।
उनके इस बयान का भाजपा विधायकों ने तीखा विरोध किया और नारेबाजी करते हुए वाकआउट कर गए। इधर ममता बनर्जी ने संबोधन करते हुए कहा कि पूरे देश में आग लगाई जा रही है। चार वर्षों की नौकरी के नाम पर भारतीय जनता पार्टी असल में अपना कैडर तैयार करना चाहती है। चार सालों के बाद क्या होगा कोई नहीं जानता। यह सेना में नौकरी नहीं बल्कि धोखा है। इसकी घोषणा रक्षा मंत्रालय ने की है ना कि भारतीय सेना ने। चार सालों की नौकरी अगर सबको मिल जाएगी तो सभी के पास बंदूक चलाने का अधिकार होगा, गुंडागर्दी अपराध बढ़ेगा। यह सेना का अपमान है।
इधर ममता बनर्जी की इस टिप्पणी पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने तीखी नाराजगी जताई। उनके नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने विधानसभा से बहिर्गमन किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की आदत है कि अपनी विफलता पर पर्दा डालने के लिए नये बहाने बनाती हैं। अभी पैगंबर मोहम्मद पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर हावड़ा के उलूबेरिया, सलप और मुर्शिदाबाद के बेलडाँगा में जो तांडव हुआ है उसे दबाने और उस पर पर्दा डालने के लिए अब अग्निपथ को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन को हथियार बना रही हैं। बंगाल में जो हिंसा, आगजनी हुई, लोगों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, लोगों को मारा पीटा गया, उस बारे में उन्होंने एक शब्द नहीं कहा।
शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भारतीय सेना में ट्रेनिंग लेकर लौटने वालों को गुंडा कहकर ममता ने भारतीय सेना का अपमान किया है। भाजपा विधायकों ने वॉकआउट कर इसके खिलाफ अपना सांकेतिक विरोध जताया है।