कोलकाता : स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए नवमी और दशमी श्रेणी में शिक्षकों की नियुक्ति में हुई धांधली के मामले में आखिरकार हाईकोर्ट की सख्ती के बाद एसएससी चेयरमैन सिद्धार्थ मजुमदार शुक्रवार को कोर्ट में पेश हुए। आरोप है कि नौवीं और दसवीं में शिक्षकों की नियुक्ति संबंधी दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं, उसके पीछे मजुमदार की भूमिका सबसे बड़ी है।
गत दो जून को उन्हें कोर्ट में हाजिर होने का आदेश न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने दिया था। लेकिन वो नहीं आए थे जिसके बाद दो दिन पहले ही कोर्ट ने उन्हें आज शुक्रवार को हर हाल में कोर्ट में पेश होने को कहा था। यहां वह उपस्थित हुए और न्यायालय को बताया कि आखिर किस वजह से दस्तावेज उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि एसएससी दफ्तर का सर्वर रूम सीबीआई के कब्जे में है। उन्हें सिर्फ वहां आने-जाने की अनुमति है, किसी दस्तावेज को ढूंढ़ पाना उनके लिये संभव नहीं हो पा रहा है।
इसके अलावा उन्होंने यह भी बताया है कि जिस कंप्यूटर में दस्तावेज इंस्टॉल थे उसके हार्ड डिस्क करप्ट हो चुके हैं जिन्हें फिर से इंस्टॉल करना होगा। दो यूपीएस में से एक काम नहीं कर रहा है और तीन सर्वर में से एक सर्वर भी काम नहीं कर रहा है। इसी वजह से दस्तावेज उपलब्ध कराने में समस्या हो रही है। कोर्ट ने उनके बयान को ऑन रिकॉर्ड रखा है। मामले को अगली सुनवाई तक के लिए मुल्तवी किया गया है।