ममता की चेतावनी : मनरेगा का पैसा नहीं मिला तो दिल्ली जाऊंगी, केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का लगाया आरोप

कोलकाता : पूर्व बर्दवान पहुंचीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को एक बार फिर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर पश्चिम बंगाल में मनरेगा की राशि रिलीज नहीं की जाती है तो वह दिल्ली जाकर इस बारे में आंदोलन करेंगी। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप भी एक बार फिर केंद्र सरकार पर लगाया है। ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा की सरकार ने 100 दिनों की रोजगार योजना का पैसा पिछले छह महीने से देना बंद कर दिया है। केंद्र सरकार राज्यों से पैसा वसूल कर ले जाती है लेकिन उसका हिस्सा राज्य को नहीं देती है।

उन्होंने कहा कि मनरेगा का पैसा अगर जल्द रिलीज नहीं किया जाएगा तो वह दिल्ली जाएंगी। ममता ने कहा कि भाजपा की सरकार अन्य राज्यों और भाजपा शासित राज्यों में भेदभाव करती है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष और वरिष्ठ भाजपा विधायक शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया था कि बांग्ला में लिखे आवास योजना का नाम बदलकर हिंदी और अंग्रेजी में लिखे जा रहे हैं ताकि केंद्र से आराम से पैसा मिल सके। इस पर सफाई देते हुए ममता ने कहा कि जिस योजना के नाम बांग्ला में लिखे गए हैं वहां बांग्ला ही रहेंगे। उसे बिल्कुल नहीं बदला जाएगा। उन्होंने कहा कि गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में भी क्षेत्रीय सरकारों ने योजनाओं का राज्य स्तर पर नाम रखा है तो पश्चिम बंगाल में इतनी समस्या क्यों है? उन्होंने पश्चिम बंगाल में दंगे के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि चुनाव के समय बंगाल आकर वे लोग झगड़ा कराते हैं और लोगों में भेदभाव पैदा करते हैं।

मनरेगा को लेकर तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय मंत्री से मिल चुका है लेकिन अगर कोई काम नहीं हुआ तो वह दिल्ली जाएंगी। इसके अलावा सीबीआई और ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए ममता ने कहा कि जो लोग केंद्र के खिलाफ आवाज उठाते हैं उनके पीछे केंद्रीय एजेंसियों को लगा दिया जाता है। महाराष्ट्र के शिवसेना नेता संजय राउत को ईडी के समन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के एक नेता को केंद्रीय एजेंसी ने समन भेजा है। यह लोकतंत्र के खिलाफ काम है। यह संघीय ढांचे पर हमला है क्योंकि विपक्ष के नेताओं को एक तरह से धमकी दी जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले ही कई लाख लोग देश छोड़कर चले गए हैं। व्यवसायी भी इंस्पेक्टर राज की वजह से देश से चले गए, केंद्र सरकार एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

मुख्यमंत्री ने किसानों से धान नहीं खरीदने पर प्राथमिकी कराने का निर्देश दिया

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर से किसान मंडियों को नियम ना मानने को लेकर चेतावनी दी है। अब से किसान से धान ना खरीद कर वापस लौटाने या समय पर काम नहीं करने पर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने बर्दवान के नवाबहाट स्थित गोदार मठ में प्रशासनिक कार्यक्रम में उक्त बातें कहीं।

सोमवार को मुख्यमंत्री ने माटी उत्सव के उद्घाटन मंच से विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में कुल दो हजार 300 करोड़ रुपये भेजे। इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हित में हमेशा कार्य करेगी। नवान्न उनके फायदे के लिए लगातार काम कर रहा है लेकिन अगर किसानों के हितों को ठेस पहुंची तो मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य अभियुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा।

ममता बनर्जी ने कहा कि किसान मंडी को लेकर मुझे कुछ कुछ शिकायतें मिल रही हैं, सरकार ने किसानों से धान खरीदने का ऐलान किया है। लेकिन कुछ किसान मंडी धान नहीं खरीद रहे हैं। किसान के धान बेचने आने पर उन्हें लौट दिया जा रहा हैं, समय पर काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कृषि विपणन में ठीक से काम नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने किसानों को कहा कि अगर आपसे धान नहीं खरीदते, समय पर काम नहीं करते हैं तो सीधे बीडीओ कार्यालय जाएं, अपनी शिकायत बताएं और एफआईआर दर्ज कराएं। मैं पुलिस से कह रही हूं कि ये सभी आरोप मिलने के बाद तत्काल कार्रवाई करें।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी मुख्यमंत्री ने पुरुलिया में प्रशासनिक बैठक से भी किसान मंडी के नियमों को नहीं मानने को लेकर उन्होंने कुछ नियम-कायदे बनाई थी। इस बार उन्होंने नियम नहीं मानने पर प्राथमिकी दर्ज कराने के निर्देश दिए।

इस बैठक से मुख्यमंत्री ने केंद्र की मोदी सरकार को ‘किसान विरोधी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने दूसरे राज्यों से धान खरीदा है लेकिन उसने बंगाल से धान नहीं खरीदा, केंद्र सरकार बंगाल को वंचित कर रही है।

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