इतिहास के पन्नों में 06 जुलाईः कश्मीर के लिए प्राणों का उत्सर्ग कर गए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

देश-दुनिया के इतिहास 06 जुलाई की तारीख अमर है। भारतीय स्वतंत्रता के इतिहास में 06 जुलाई, 1892 को बड़े मोड़ के रूप में याद किया जाता है। इसी दिन ‘ग्रैंड ओल्ड मैन ऑफ इंडिया’ के नाम से प्रसिद्ध बुद्धिजीवी, शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनीतिज्ञ दादा भाई नौरोजी ब्रिटेन की संसद के लिए चुने गए थे। किसी भारतीय को ब्रिटिश संसद में अपनी आवाज उठाने का यह पहला मौका था। 06 जुलाई को ही भारतीय जनसंघ के संस्थापक और पहले अध्यक्ष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती मनाई जाती है। उनका जन्म कलकत्ता (आज के कोलकाता) में 06 जुलाई 1901 को हुआ था। इसके अलावा 1945 में 06 जुलाई को ही व्यावहारिक नीतिशास्त्र के महान दार्शनिक पीटर सिंगर का जन्म हुआ था। व्यावहारिक नीति शास्त्र को नया आयाम देने वाले सिंगर को पशु अधिकार और वैश्विक गरीबी के विश्लेषण के लिए खास तौर पर जाना जाता है।

जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कट्टर आलोचक थे। आवश्यक परमिट के बिना जम्मू-कश्मीर में प्रवेश करने के दौरान गिरफ्तार किए जाने के बाद 23 जून, 1953 में कश्मीर में नजरबंदी के दौरान मुखर्जी की मृत्यु हो गई थी। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार 05 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर चुकी है। साथ ही तत्कालीन राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर चुकी है। भारतीय जनता पार्टी उनके सपनों को पूरा कर रही है।

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