कोलाकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने परिवहन विभाग के सचिव को 6 सप्ताह के भीतर बसों और मिनी बसों के लिए उपयुक्त किराए की घोषणा करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्ना मुखर्जी और न्यायमूर्ति शुभेंदु सामंत के खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया है। न्यायाधीश ने अखिल बंगाल बस संगठन समन्वय समिति और आसनसोल मिनी बस एसोसिएशन को इस संबंध में अपने प्रस्तावों के बारे में राज्य को तुरंत सूचित करने का निर्देश दिया ताकि राज्य सरकार जल्द से जल्द किराया सूची तैयार कर सके।
हालांकि कोरोना के बाद तेल के दाम आसमान छू रहे हैं, बस या मिनी बस का किराया नहीं बढ़ा है। कहीं-कहीं बस मालिक संगठनों ने अपनी मर्जी से किराए में इजाफा किया है। कहीं अधिक किराया लेने के आरोप लगते है। इसलिए बस-मिनी बस संगठनों ने राज्य से एक निश्चित किराया सूची की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया।
बस मालिक संगठनों के मुताबिक, राज्य सरकार ने आखिरी बार 2018 में किराए का आकलन किया था। तब से, तेल की कीमतें कई चरणों में बढ़ी हैं, लेकिन बस किराए में वृद्धि नहीं हुई है। कई बार राज्य से अपील करने से कोई लाभ नहीं हुआ।
हालांकि, राज्य के वकील अमल मुखर्जी ने अदालत से कहा कि किराया वृद्धि का मुद्दा पूरे राज्य के नीतिगत निर्णय का मामला है। अदालत यहां हस्तक्षेप नहीं कर सकती है। इससे पहले एकल पीठ ने इस कारण से मामले को खारिज कर दिया था।