कोलकाता : पश्चिम बंगाल में पब्लिक सर्विस कमीशन (पीएससी) के जरिए अग्निशमन कर्मियों की नियुक्ति में हुई कथित धांधली के मामले में नियुक्ति पर कलकत्ता उच्च न्यायालय का स्थगनादेश फिलहाल जारी रहेगा। सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति हरीश टंडन के खंडपीठ ने पीएससी पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और स्पष्ट कर दिया कि नियुक्ति पर स्थगन आदेश और चार हफ्ते तक जारी रहेगा। तीन सप्ताह के बाद मामले की अगली सुनवाई होनी है। इसके पहले 11 जुलाई को मामले की सुनवाई हुई थी और पीएसी ने हलफनामा के जरिए अपना जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा था। उसी के मुताबिक आज सुनवाई थी लेकिन आज भी पीएससी ने अतिरिक्त दो हफ्ते का समय मांगा जिसके बाद न्यायाधीश ने फटकार लगाते हुए उन पर 10 हजार का जुर्माना लगाया।
2018 में अग्निशमन विभाग में 15 सौ कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी हुई थी। 2019 में लिखित परीक्षा हुई थी। आरोप लगे थे कि अग्निशमन प्रशिक्षण संस्थाओं के सर्टिफिकेट प्राप्त उम्मीदवारों को आरक्षण नहीं मिला। इसके अलावा आदिवासी जनजाति समुदाय के आरक्षण वाले कोटे में जनरल समुदाय के लोगों को नौकरी दी गई है। इसी मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति हरीश टंडन और संपा दत्त पाल के खंडपीठ ने नियुक्ति पर अस्थाई रोक लगाई है।