कोलकाता : बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल के लाल बत्ती गाड़ी में घूमने को लेकर राज्य सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है कि क्यों अनुब्रत मंडल संवैधानिक रोक के बावजूद लाल बत्ती की गाड़ी में घूमते हैं? प्रशासन क्या करता है?
मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव के खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई है। एक अगस्त को मामले की अगली सुनवाई होगी। उसके पहले राज्य सरकार को हलफनामा के जरिए इस पर जवाब देना है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वीवीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए लाल बत्ती वाली गाड़ियों के सामान्य इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है। किसी भी पार्टी के सामान्य नेता या जिलाध्यक्ष को लाल बत्ती लगाने की मनाही है। बावजूद इसके पिछले कई सालों से अनुब्रत मंडल आराम से अपनी गाड़ी में लाल बत्ती लगाकर बीरभूम से कोलकाता तक घूमते रहते हैं लेकिन पुलिस कभी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करती। मंडल अपने विवादित बयानों, हिंसक धमकियों और हिंसक गतिविधियों के लिए सवालों के घेरे में रहते हैं। वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद खास माने जाते हैं। मंडल के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लगी थी जिसमें पूछा गया था कि आखिर संवैधानिक नियमों के विपरीत लाल बत्ती में घूम रहे मंडल के खिलाफ प्रशासन हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठा रहता है? इसी मामले में अब कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है।