जहरीली शराब कांड पर छिड़ा राजनीतिक घमासान, विपक्ष ने प्रशासन पर उठाए सवाल

तृणमूल ने किया पलटवार

कोलकाता : हावड़ा जिले के घुसड़ी में जहरीली शराब पीने से कम से कम 9 लोगों की मौत की घटना को लेकर राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। विपक्ष ने राज्य प्रशासन और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर शराब विक्रेताओं से मिलीभगत का आरोप लगाया है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने भी पलटवार किया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की मौजूदा सरकार में पश्चिम बंगाल में गुंडों की खुली छूट है। हमने पहले कोयला-माफिया, मवेशी माफिया और अवैध हथियार-माफिया के बारे में सुना है। अब हम सत्ताधारी पार्टी और स्थानीय पुलिस प्रशासन के संरक्षण का आनंद ले रहे हूच (देसी शराब) माफिया के बारे में सुन रहे हैं। शराब का ठेका स्थानीय मालीपांचघड़ा थाने से चंद कदम की दूरी पर चल रहा था। क्या यह विश्वासयोग्य है कि स्थानीय सत्ताधारी पार्टी के नेताओं और स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी नहीं थी?
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि शराब राज्य सरकार के राजस्व का एकमात्र स्रोत है और स्थानीय तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के लिए कमाई का एक साधन भी है। उन्होंने कहा कि इसलिए, स्थानीय प्रशासन और स्थानीय सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के सीधे संरक्षण में राज्य भर में इस तरह के अवैध शराब के ठेके बढ़ रहे हैं।
इस पर पलटवार करते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि विपक्षी दल मौत पर बेवजह राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों को नहीं बख्शेगी। मैं सुजन चक्रवर्ती को याद दिलाना चाहूंगा कि पश्चिम बंगाल में शराब की दुकानों का नेटवर्क मुख्य रूप से पिछली वाम मोर्चा सरकार के दौरान बढ़ाया गया था।
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सहकारिता मंत्री अरूप राय ने कहा कि घटना के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस दोषी होगी तो उसपर भी कार्रवाई होगी।

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