गिरफ्तारी के 5 दिन बाद एक्शन
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया है। पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता ने ये एक्शन लिया है। दरअसल, बुधवार से गुरुवार तक चली 18 घंटे की रेड में ईडी ने पार्थ की करीबी अर्पिता मुखर्जी के दूसरे घर से 27.9 करोड़ रुपये नकद और 5 किलो सोना जब्त किया।
नकद के बारे में ईडी के सवाल पर अर्पिता ने बताया कि ये सारे रुपये पार्थ चटर्जी के हैं। उन्होंने कहा, ‘पार्थ इस घर का इस्तेमाल रुपयें रखने के लिए करते थे। मुझे अंदाजा नहीं था कि घर में इतना सारा नकद रखा होगा।’ इससे पहले पिछले शनिवार को हुई छापेमारी में टालीगंज स्थित अर्पिता के घर से 21 करोड़ रुपये कैश और 1 करोड़ रुपये की ज्वेलरी मिली थी।
ममता ने बताया बड़ी साजिश
अर्पिता के घर करोड़ों रुपये नकद और ज्वेलरी मिलने के बाद टीएमसी में ही पार्थ चटर्जी को हटाने की मांग होने लगी थी। गुरुवार को ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त भी कर दिया। पार्थ पर कार्रवाई के बाद ममता बनर्जी ने कहा- पूरा मामला एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। सिर्फ एक लड़की के घर से रुपये बरामद हुए हैं। पार्थ को इसलिए हटाया क्योंकि टीएमसी भ्रष्टाचार के मामले में बेहद सख्त सख्त पार्टी है, इसे बदला नहीं जा सकता। यह एक बड़ा गेम है, जिसके बारे में अभी ज्यादा बात नहीं कर सकती।
कुणाल ने की थी पार्थ को सभी पदों से हटाने की माँग
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने मांग की थी कि पार्थ चटर्जी को जांच पूरी होने तक सभी पदों से हटाया जाए। घोष ने कहा कि अगर ममता दीदी को मेरा बयान गलत लग रहा है, तो मुझे भी हटा दें। घोष तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाते हैं। बाद में कुणाल ने अपना वह ट्वीट डिलीट कर दिया और बताया कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक ने इस मुद्दे पर शाम को बैठक बुलायी है, इसलिए वे अपना ट्वीट डिलीट करते हैं।
हालांकि, बुधवार को टीटागढ़ में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने कहा था कि मीडिया कंगारू अदालत की भूमिका निभा रहा है। हम मीडिया ट्रायल के खिलाफ हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि आप निश्चिंत रहें, बीजेपी 2024 में सत्ता में नहीं आएगी, ये महाराष्ट्र नहीं है।