देश-दुनिया के इतिहास में 31 जुलाई की तारीख तमाम ऐतिहासिक घटनाओं के लिए दर्ज है। 31 जुलाई, 1658 को औरंगजेब ने खुद को मुगल शासन का राजा घोषित किया था और इसी तारीख को 1933 में महात्मा गांधी ने हमेशा के लिए साबरमती आश्रम छोड़ दिया था। समय का चक्र निरंतर चलता है। हर दिन कुछ न कुछ ऐसा घटता है जो इतिहास बन जाता है। इस लिहाज से साबरमती आश्रम का देश के स्वतंत्रता संग्राम में खास महत्व है।
दरअसल दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद महात्मा गांधी ने गुजरात के अहमदाबाद में साबरमती नदी के किनारे अपना आश्रम बनाया और यहां जीवन के कुछ नए प्रयोग किए। यहीं पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम का प्रारंभिक तानाबाना बुना। साबरमती आश्रम महात्मा गांधी के सत्याग्रह और डांडी मार्च का साक्षी रहा। हालांकि 31 जुलाई, 1933 को बापू ने साबरमती आश्रम छोड़ दिया था, लेकिन उनकी यादों को यहां इस आश्रम में सहेजकर रखा गया है।