कोलकाता : मंत्री पद और पार्टी से हटाये जाने के बाद शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के बहुचर्चित नेता पार्थ चटर्जी ने अब मुँह खोलना शुरू कर दिया है। रविवार को मेडिकल जाँच के लिए ईएसआई, जोका अस्पताल पहुँचे पार्थ ने मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि वो रुपये मेरे नहीं हैं, समय आने पर सब पता चल जाएगा।
जानकारों की मानें तो पार्थ चटर्जी ने पार्टी से उन्हें इस तरह हटाए जाने से नाराज होकर पार्टी पर दबाव बढ़ाने के लिए मीडिया से बात करना शुरू किया है। वे कुछ और नेताओं को इस मामले में लपेटने का मन बना चुके हैं।
कोर्ट के आदेश के अनुसार पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी की हर दो दिनों के बाद मेडिकल जांच करायी जाती है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी दो अलग अलग गाड़ियों में अर्पिता और पार्थ को बैठाकर अस्पताल पहुँचे।
दरअसल गत शुक्रवार को जब दोनों को अस्पताल ले जाया गया था तब अर्पिता अस्पताल में पहुंचते ही गाड़ी में फूट-फूट कर रोने लगी थी और सड़क पर बैठने की कोशिश की थी। यहां तक कि अस्पताल से निकलते समय भी वह हाथ पैर पटक कर रो रही थी। इसलिए इस बार अतिरिक्त संख्या में महिला अधिकारियों को ले जाया गया हैं ताकि किसी तरह की कोई समस्या ना हो।
गौरतलब है कि अर्पिता के दो फ्लैटों से अब तक ईडी अधिकारियों ने करीब 50 करोड़ नगदी, 3.5 करोड़ के सोने चांदी के जेवर बर्तन समेत विदेशी मुद्रा और 20 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इसके अलावा करीब एक दर्जन संपत्ति के दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। अर्पिता ने दावा किया है कि बरामद हुए रुपये और सामानों से उसका कोई लेना-देना नहीं। सारे रुपये और सामान पार्थ चटर्जी के हैं। मामले में दोनों की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गत गुरुवार को ही पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से निष्कासित किया है। साथ ही चटर्जी को तृणमूल कांग्रेस के सभी पदों सहित प्राथमिक सदस्यता से भी निष्कासित कर दिया है।