कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ममता कैबिनेट ने राज्य में 7 नए जिले बनाने को मंजूरी दे दी है। साथ ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में आरोपित पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने के बाद पहले मंत्रिमंडल के विस्तार की भी घोषणा की है।
सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंत्रिमंडल की बैठक की। बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सात और जिले बनाने की सहमति मंत्रिमंडल की बैठक में बनी है। पत्रकारों से वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में सात नए जिलों बनाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नदिया जिले को दो हिस्सों में बांटकर रानाघाट नया जिला बनेगा। इसी तरह से उत्तर 24 परगना के तीन हिस्से किए गए हैं, जिसमें इच्छामती और बसीरहाट दो नए जिले बनेंगे और दक्षिण 24 परगना को तोड़कर सुंदरवन अलग जिला घोषित कर दिया गया है। इसी तरह से मुर्शिदाबाद जिले को तीन हिस्सों में बांट कर बहरामपुर और कांदी नया जिला बनाया गया है। बांकुड़ा को तोड़कर विष्णुपुर जिला बना दिया गया है। सात नए जिलों के निर्माण के साथ ही राज्य में जिलों की संख्या बढ़कर 30 हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि कई मंत्रालयों के पद खाली हैं, जिसे भरने के लिए बुधवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। ममता ने स्पष्ट किया कि पूरे मंत्रिमंडल को बर्खास्त कर नए सिरे से मंत्रिमंडल के गठन की कोई योजना नहीं है। जिन मंत्रालयों के मंत्री नहीं हैं, केवल उन्हीं मंत्रालयों में नए लोगों को मंत्री बनाया जाएगा। ममता बनर्जी ने कहा कि मंत्री सुब्रत मुखर्जी का निधन हो गया है, साधन पांडे भी इस दुनिया में नहीं हैं। पार्थ चटर्जी जेल में हैं। इनका काम कौन करेगा। फिलहाल इनके मंत्रालय मेरे पास हैं लेकिन मैं सब कुछ नहीं कर सकती।
दरअसल, सुब्रत मुखर्जी पंचायत और पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के मंत्री थे। साधन पांडे उपभोक्ता मंत्रालय और पार्थ चटर्जी संसदीय कार्य, उद्योग और आईटी विभाग के मंत्री थे। उन्होंने कहा कि रिक्त मंत्रालयों में नए लोगों को मंत्री बनाया जाना है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी संकेत दिया कि मंत्रिमंडल के मौजूदा चेहरों से कुछ लोगों को हटाया भी जाएगा और उन्हें संगठन के काम में लगाया जाएगा।